एस० एस० कान्वेंट स्कूल में बाल दिवस पर हुआ खेल प्रतियोगिता का आयोजन, बच्चों ने खूब उठाया लुत्फ

बच्चे हैं देश की प्रगति का आधार ,

अवश्य  करेंगे अपने माता-पिता और शिक्षकों के सपने साकार ।

जिले के कमरपुर पंचायत के कृतपुरा गांव स्थित एस० एस० कान्वेंट स्कूल में बाल दिवस के अवसर पर खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसकी शुरुआत, विद्यालय की निदेशिका बंदना राय व प्रधानाध्यापक त्रिलोचन कुमार ने संयुक्त रूप से पंडित जवाहर लाल नेहरू के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर और दिप प्रज्वलित कर के किया ।

प्रधानाध्यापक त्रिलोचन कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि बाल दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य नन्हे- मुन्हे बच्चों का सर्वांगीण विकास करना ही है। उन्होंने कहा कि बाल दिवस भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर में मनाया जाता है।

वहीं शिशिका जिज्ञासा कुमारी ने बहुत खूबसूरत बात कही की बच्चे उसे बीज की भांति होते हैं जो हम बड़ों द्वारा सही मिट्टी का चयन करके बोये जाते है और सींचे जाते है ताकि आने वाले समय में वह एक मजबूत वृक्ष बनकर तैयार हो सके। अंत में उन्होंने कहा कि 

"बच्चे हैं देश की प्रगति का आधार,

अवश्य करेंगे अपने माता-पिता और शिक्षकों के सपने साकार"


वहीं खेल प्रतियोगिता की बात करे तो बाल दिवस के अवसर पर कई सारे खेलों का आयोजन किया गया  जिसमें गणित दौड़, म्यूजिकल चेयर रेस, बलून दौड़, आदि खेल शामिल थे। जिसमे वर्ग नर्सरी से लेकर वर्ग दस तक के बच्चे शामिल थे। बच्चों का उत्साह तो खेल के प्रति रहता ही है, मगर बाल दिवस को लेकर यह उत्साह दुगना हो गया था। 

आपको बता दें कि सारे खेल शिक्षकों के मार्गदर्शन व निरक्षण में हो रहे थे। गणित दौड़ के निरक्षण में शामिल शिक्षकों में अजित तिवारी, अजय सिंह, प्रमोद कुमार, व आयुष कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि खेल भी शिक्षा का ही अंग है। खेल से मानसिक व शारीरिक दोनों ही रूप में विकास होता है। आज बाल दिवस है। बच्चों का दिन हैं और हम उनके आज के दिन को बेहतर बनाने में लगे हैं।

वहीं जूनियर विंग के बच्चों ने बलून दौड़ में ज्यादा रुचि दिखाई। तो कुछ बच्चों ने म्यूजिकल चेयर रेस में भी अपना कौशल दिखाया। इस खेल के निरक्षण में शामिल शिक्षिकाओं में नूतन राय, लालसा मिश्र,वीना राय,  संजना कुमारी, अनु उपाध्याय, इशरत बेगम, गुलाब्सा आदि ने बच्चों के बीच तरह-तरह के खेल व उसके फायदों को बताया साथ ही जीवन में खेल के महत्व को समझाया।

कार्यक्रम के अंत में बच्चों के बीच नास्ते के रूप में चाट व लौंगलत्ता दिया गया। जिसे बच्चों ने छक भर कर खाया। वहीं सहयोग के रूप में विद्यालय के सारे सहकर्मी शामिल थे ।

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